Day: November 28, 2016

Sarfaroshi Ki Tamanna Ab hamare Dil Me Hai

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है । एक से करता नहीं क्यों दूसरा कुछ बातचीत, देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफिल में है । रहबरे-राहे-मोहब्बत रह न जाना राह में लज्जते-सेहरा-नवर्दी दूरि-ए मंजिल मेंहै । यूँ खड़ा मकतल में